आकिब नबी दार: IPL में नजरअंदाज, इंडिया A में जगह नहीं, लेकिन धमाल मचाने वाले जबरदस्त खिलाड़ी

 आकिब नबी दार: IPL में नजरअंदाज, इंडिया A में जगह नहीं, लेकिन धमाल मचाने वाले जबरदस्त खिलाड़ी




जम्मू-कश्मीर के छोटे से शहर बारामूला में टेनिस बॉल क्रिकेट खेलते हुए आकिब नबी दार ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि वो एक दिन रणजी ट्रॉफी में धमाल मचाएंगे। पर भाईसाहब, किस्मत भी न मेहनती लोगों से बड़ा इम्प्रेस होती है। और आकिब की मेहनत का जलवा इस सीजन में ऐसा छाया कि उन्होंने अकेले 42 विकेट चटका दिए।  


अगर आपको लगता है कि 42 विकेट लेना मजाक है, तो यकीन मानिए, ये बंदा रणजी ट्रॉफी में जम्मू-कश्मीर का सबसे बड़ा विकेट-टेकर बन गया है। उन्होंने पारवेज रसूल को भी पीछे छोड़ दिया। और ये सब तब जब उनके हिस्से कोई IPL कॉन्ट्रैक्ट नहीं आया और इंडिया A ने भी भाव नहीं दिया।  


शांत लेकिन घातक योद्धा**  

आकिब को मैदान पर देखकर आपको लगेगा कि ये बंदा तो बस बॉल फेंकने आया है। न कोई नाटक, न गुस्सा, न दिखावा। बस काम पर फोकस। ये बात तो उनके कोच भी मानते हैं कि आकिब चुप रहते हैं, पर काम ऐसा करते हैं कि बल्लेबाजों के होश उड़ जाएं।  


उनके आदर्श हैं डेल स्टेन और जसप्रीत बुमराह। दोनों खतरनाक गेंदबाज और बिना कोई ड्रामा किए विकेट चटकाने वाले। आकिब भी इसी राह पर चल रहे हैं। उनके बॉलिंग स्पेल इतने घातक होते हैं कि बल्लेबाज सोचते रह जाते हैं कि ये आउटस्विंग आया कैसे और अंदर वाला Yorker गया कहां!


केरल के खिलाफ धमाका**  

हाल ही में रणजी ट्रॉफी के क्वार्टरफाइनल में आकिब ने केरल के खिलाफ 5 विकेट लिए। जैसे ही मैच शुरू हुआ, उन्होंने दूसरी बॉल पर ही रोहन कुन्नुम्मल को चलता कर दिया। फिर शौन रोजर बिना खाता खोले वापस पवेलियन गए।  


दोपहर में आकिब ने वापस आकर खतरनाक बल्लेबाज जलज सक्सेना को भी क्लीन बोल्ड कर दिया। लेकिन असली मजा तब आया जब उन्होंने केरल के कप्तान सचिन बेबी को एक शानदार यॉर्कर से सिर्फ 2 रन पर चलता किया। भाई, ये तो सच में "बेबी आउट" कर दिया!  


बैटिंग में भी दमदार प्रदर्शन**  

अब सोच रहे होंगे कि आकिब तो सिर्फ गेंदबाज हैं। पर नहीं जनाब! जब जम्मू-कश्मीर की टीम 210/8 पर संघर्ष कर रही थी, तब आकिब नंबर 10 पर आए और 30 गेंदों में 32 रन ठोक दिए। इसमें 2 चौके और 1 शानदार छक्का भी शामिल था।  


कोच ने कहा था, "जाओ और खुलकर खेलो।" और आकिब ने ऐसा खेल दिखाया कि केरल के गेंदबाज हैरान रह गए।  


संघर्ष भरी कहानी**  

बारामूला जैसे छोटे शहर में क्रिकेट खेलना आसान नहीं है। वहां की जमीन इतनी खराब थी कि खिलाड़ी स्पाइक्स भी नहीं पहन सकते थे। आकिब ने टेनिस बॉल से शुरुआत की और धीरे-धीरे अपनी गेंदबाजी को निखारा।  


उनके पिता चाहते थे कि वो पढ़ाई करें और डॉक्टर बनें। लेकिन जब आकिब ने सौराष्ट्र के खिलाफ शतक लगाया और मीडिया उनके घर पहुंची, तो पिता ने गर्व से कहा, "मेरा बेटा इंडिया खेलेगा, आप लिखिए।"  


आगे की राह**  

भले ही आकिब को अभी तक IPL कॉन्ट्रैक्ट नहीं मिला या इंडिया A में जगह नहीं मिली, लेकिन ये बंदा रुकने वाला नहीं है। उसके पास हुनर है, जज्बा है और सबसे बड़ी बात - मैदान पर शांत रहकर काम करने की आदत है।  


तो अगले सीजन में चाहे IPL की टीम उन्हें चुने या न चुने, आकिब नबी दार का नाम जरूर चमकेगा। और भाई, जब चमकेगा तो हम कहेंगे - "आकिब भाई, तूफान ला दिया आपने!"


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